आंवला में कीट और रोग प्रबंधन - आंवला के फायदे, उपयोग और औषधीय गुण - एक जिला एक उत्पाद – आंवला

 आयुर्वेद के अनुसार, आंवला एक ऐसा फल है, जिसके अनगिनत लाभ (Amla Advantages in Hindi) हैं। आंवला ना सिर्फ त्वचा, और बालों के लिए फायदेमंद है, बल्कि कई तरह के रोगों के लिए औषधि के रूप में भी काम करता है। आंवला का प्रयोग कई तरह से किया जाता है, जैसे-आमला जूस (amla juice), आंवला पाउडर (amla powder), आंवला अचार आदि। आंवला में प्रचुर मात्रा में विटामिन, मिनरल, और न्यूट्रिएन्ट्स होते हैं, जो आंवला को अनमोल गुणों वाला बनाते हैं।




आंवला क्या है?

आंवला को आयुर्वेद में अमृतफल या धात्रीफल कहा गया है। वैदिक काल से ही आंवला (phyllanthus emblica) का प्रयोग औषधि के रूप में किया जा रहा है।

पेड़-पौधे से जो औषधि बनती है उसको काष्ठौषधि कहते हैं और धातु-खनिज से जो औषधि बनती है उनको रसौषधि कहते हैं। इन दोनों तरह की औषधि में आंवला का इस्तेमाल किया जाता है। यहां तक कि आंवला को रसायन द्रव्यों में सबसे अच्छा माना जाता है यानि कहने का मतलब ये है कि जब बाल बेजान और रूखे-सूखे हो जाते हैं तब आंवला का प्रयोग करने पर बालों में एक नई जान आ जाती है। आंवला का पेस्ट लगाने पर रूखे बाल काले, घने और चमकदार नजर आने लगाते हैं।

चरक संहिता में आयु बढ़ाने, बुखार कम करने, खांसी ठीक करने और कुष्ठ रोग का नाश करने वाली औषधि के लिए अमला का उल्लेख मिलता है। इसी तरह सुश्रुत संहिता में आंवला के औषधीय गुणों के बारे में बताया गया है. इसे अधोभागहर संशमन औषधि बताया गया है, इसका मतलब है कि आंवला वह औषधि है, जो शरीर के दोष को मल के द्वारा बाहर निकालने में मदद करता है। पाचन संबंधित रोगों और पीलिया के लिए आंवला (Indian gooseberry) का उपयोग किया जाता है। इसे कई जगहों पर अमला नाम से भी जाना जाता है।


अन्य भाषाओं में आंवला के नाम 

आं‍वला का वानस्पतिक नाम (Logical name of Amla) Phyllanthus emblica L. (पांईलैन्थस एम्बलिका) Syn-Emblicaofficinalis Gaertn है। यह Euphorbiaceae (यूफॉर्बियेसी) कुल से है। इसका अंग्रेजी नाम Emblicmyrobalan tree (एम्बलिक मायरोबालान ट्री) है। दुनिया में आंवला अलग-अलग नामों से जाना जाता है, जो ये हैंः-


 आंवला के नामों की सूची

  •  Hindi -आमला, आँवला, आंवरा, आंबला औरा;
  •  Urdu - आँवला (Anwala);
  •  Oriya - औंला (Onola);
  •   Assamese-अमला (Amla), आमलुकी (Amluki);
  •  Kannada-नेल्लि (Nelli), नेल्लिकाय (Nellikai);
  •  Gujarati-आमला (Amla), आमली (Amli);
  •  Tamil-नेल्लिमार (Nellimaram);
  •  Telugu-उसरिकाय (Usirikai);
  •  Bengali-आमला (Amla), आमलकी (Amlaki);
  •  Nepali-अमला (Amla);
  •  Punjabi-आमला (Amla);
  • Marathi-आँवले (Anwale), आवलकाठी (Aawalkathi);
  • Malayalam-नेल्लिका (Nellikka), नेल्लिमारम (Nellimaram)।
  • English-इण्डियन गूजबेरी (Indian gooseberry);
  • Arabic-आमलज्ज (Amlajj);
  • Persian-आमलह (Amlah), आम्लाझ (Amlazh) कहते हैं।


आंवला के अनेक लाभ और उपयोग इस प्रकार हैं:


प्रतिरक्षा में सुधार

आंवला के फायदों में जीवाणुरोधी और कसैले गुण शामिल हैं जो शरीर की प्रतिरक्षा प्रणाली को बेहतर बनाने में मदद करते हैं। भारतीय आंवला सफेद रक्त कोशिकाओं को भी बढ़ाता है जो शरीर से विषाक्त पदार्थों को बाहर निकालने में मदद करता है।


बालों की देखभाल


आंवला का उपयोग बहुत से शैंपू और कंडीशनर में किया जाता है क्योंकि इसमें एंटीऑक्सीडेंट और आयरन की भरपूर मात्रा होती है। आंवले में विटामिन सी की उच्च मात्रा होती है जो बालों का झड़ना कम करने में मदद करती है। यह जड़ों को मजबूत करता है और बालों का रंग बनाए रखता है। आंवला के जीवाणुरोधी गुण रूसी से लड़ने में मदद करते हैं।


तनाव कम करता है

आंवला एक बेहतरीन तनाव निवारक है जो नींद लाने और सिरदर्द से राहत दिलाने में मदद करता है।


आंख की देखभाल


आंवला में कैरोटीन की मात्रा भरपूर होती है जो दृष्टि संबंधी समस्याओं पर अपने शक्तिशाली प्रभाव के लिए जाना जाता है। भारतीय आंवले और शहद से बना यह मिश्रण दृष्टि, निकट दृष्टि दोष और मोतियाबिंद को बेहतर बनाने में मदद करता है।


श्वसन स्वास्थ्य

आंवला श्वसन संबंधी बीमारियों के खिलाफ़ फायदेमंद साबित होता है। यह खांसी, टीबी, गले के संक्रमण और फ्लू को कम करने में मदद करता है।


एनीमिया का इलाज करता है



आंवला आयरन का एक समृद्ध स्रोत है, जिसकी कमी से एनीमिया होता है।


रक्त शोधक

शहद के साथ सेवन करने पर आंवला सक्रिय रक्त शोधक के रूप में कार्य करता है।


मूत्रवधक

आंवला प्रकृति में मूत्रवर्धक भी है। इसका मतलब है कि भारतीय आंवला पेशाब की मात्रा और आवृत्ति को बढ़ाने में मदद करता है जो शरीर से विषाक्त पदार्थों को खत्म करने में सुधार करता है।  डिटॉक्सिफिकेशन के बारे में अधिक जानें  ।


पाचन में सुधार


आंवला आहार फाइबर से भरपूर होता है जो समग्र पाचन प्रक्रिया को बेहतर बनाने में मदद करता है।


कैल्शियम को अवशोषित करता है

आंवला के लाभों में कैल्शियम को अवशोषित करना भी शामिल है जो दांतों, हड्डियों और बालों के लिए एक आवश्यक तत्व है।


बुढ़ापा विरोधी

आंवला अपने एंटीऑक्सीडेंट गुणों के माध्यम से शरीर में मुक्त कणों की संख्या को कम करता है। यह झुर्रियों, काले घेरों और उम्र बढ़ने के अन्य लक्षणों को कम करने में मदद करता है। यह शरीर को विकिरण से भी बचाता है।


मानसिक कार्यों में सुधार करता है

आंवला का रोजाना सेवन तंत्रिका स्वास्थ्य को बेहतर बनाने में मदद करता है जिससे रक्त प्रवाह सही रहता है। यह डिमेंशिया और अल्जाइमर जैसी बीमारियों को रोकने में मदद करता है। भारतीय आंवला एकाग्रता शक्ति और याददाश्त कौशल को बेहतर बनाने में भी मदद करता है।


वज़न प्रबंधन

आंवला चयापचय को बढ़ावा देने के लिए जाना जाता है जो शरीर की चर्बी को कम करने में मदद करता है। आंवला को अपने दैनिक आहार में शामिल करने की सलाह दी जाती है।


त्वचा की देखभाल


आंवला शरीर से हानिकारक विषाक्त पदार्थों को बाहर निकालने में मदद करता है, जिससे त्वचा के दाग-धब्बे कम होते हैं। आंवले के कसैले गुण रोमछिद्रों को कसने में मदद करते हैं, जिससे आपको साफ़ और स्वस्थ त्वचा मिलती है।

 

आंवला से जुड़े अक्सर पूछे जाने वाले सवाल 

1-आंवला के सेवन से क्या नुकसान होता है?

सामान्यतः आंवला का प्रयोग करने से किसी प्रकार का कोई दुष्प्रभाव नहीं देखा गया है, लेकिन इसकी तासीर शीत होने के कारण इसका सर्दी में फल रूप में प्रयोग करने से बचना चाहिए।


2-आंवले की तासीर क्या है?

आंवले एक प्रकार का स्वादिष्ट फल होता है। जिसमें आयुर्वेद के अनुसार लवण रस को छोड़कर पांचों रस पाए जाते हैं, जिसमें अम्ल और कषाय प्रधान होता है। आंवले की तासीर शीत यानि ठंडी होती है अर्थात इसके सेवन से शरीर शीतल होती है।


3-क्या आंवला खाने से इम्यूनिटी बढ़ती है?

आयुर्वेदिक विशेषज्ञों के अनुसार, आंवले में कई ऐसे गुण होते हैं जो हमारे शरीर की रोगों से लड़ने की शक्ति बढ़ाने में मदद करते हैं. सर्दियों में सर्दी-जुकाम के साथ-साथ कई छोटी मोटी समस्याएं होती ही रहती हैं, ऐसे में अगर आप नियमित रूप से आंवले का सेवन करें तो इससे शरीर की इम्यूनिटी बढ़ जाती है. इम्यूनिटी मजबूत होने से इन सभी समस्याओं के होने की संभावना कम हो जाती है.


4-सर्दियों में आंवले का सेवन कैसे करें?

सर्दियों के दिनों में आप आंवले का सेवन कई तरीकों से कर सकते हैं। आप चाहें तो सीधे फल खा सकते हैं या फिर इसका जूस पी सकते हैं। सर्दियों में अधिकांश लोग इम्यूनिटी और शरीर की ताकत बढ़ाने के लिए च्यवनप्राश का सेवन करते हैं। च्यवनप्राश का मुख्य घटक भी आंवला ही होता है, इसलिए अगर आपको आंवले के फल या जूस का स्वाद पसंद नहीं है तो च्यवनप्राश के रूप में इसका सेवन कर सकते हैं। इसके अलावा बाज़ार में मिलने वाले आंवले के चूर्ण, कैंडी , कैप्सूल और मुरब्बे का भी उपयोग किया जा सकता है।


5-सर्दियों में आंवले का जूस कब पीना चाहिए?

आयुर्वेदिक चिकित्सकों का मानना है कि सर्दियों के दिनों में हर उम्र के लोगों को नियमित आंवले के जूस का सेवन करना चाहिए। इसके नियमित सेवन से पेट के रोग दूर होते हैं और शरीर स्वस्थ रहता है। रोजाना सुबह नाश्ते से पहले आंवले का जूस पीना ज्यादा फायदेमंद होता है।

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